X-ray Polarimeter Satellite (XPoSat)नए साल के पहले ही दिन से इसरो रचने जा रहा है।इतिहास इसरो 2024 के नए साल के अवसर पर इतिहास रचने जा रहा है इसरो की ओर से ट्वीट कर दी गई जानकारी के अनुसार 1 जनवरी 2024 को श्री श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से सैटेलाइट लॉन्च करने की तैयारी कर ली गई। यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में होने वाले रेडिएशन की जानकारी देगा।
X-ray Polarimeter Satellite (XPoSat)
नए साल के पहले ही दिन से इसरो रचने जा रहा है।इतिहास इसरो ने 2023 के जाते-जाते इतिहास रच दिया इसरो ने 2023 में चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग कर 2023 में सबसे बड़ा सफल परीक्षण किया।
इसी के तहत देखा जा रहा है 1 जनवरी 2024 की तारीख इसरो का बेहद खास होने जा रहे हैंभारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन इसरो ने इस 2024 का पहला सेटेलाइट लॉन्च करेगा यह सैटेलाइट जो आकाश गंगा ,रेडिएशन, ब्लैक होल्सआदि की जानकारी प्राप्त करेगा।
वैज्ञानिकों ने वेंकटेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना
X-ray Polarimeter Satellite (XPoSat) इसरो को वैज्ञानिक ने वेंकटेश्वर मंदिर में जाकर पूजा और सफल लैंडिंग का आशीर्वाद लियाइसरो के वैज्ञानिक ने वेंकटेश्वर मंदिर में जाकर मत्था ठेका और 2024 की पहली उड़ान का आशीर्वाद लिया।वैसे तो देखा जाए तो इसरो वैज्ञानिकों के हौसले बुलंद है क्योंकि उन्होंने 2023 में चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग का इतिहास रच दिया जो दुनिया के किसी भी देश अभी तक नहीं कर पाए।
5 साल अंतरिक्ष में भ्रमण करेगा
X-ray Polarimeter Satellite (XPoSat) अगले 5 साल तक यह उपग्रह अंतरिक्ष में भ्रमण करता रहेगा और सारी जानकारियां इसरो को देता रहेगा।पीएसएलवी(PSLV)-C58 के राकेट से 1 जनवरी 2024 की सुबह 9:10 पर लॉन्च किया जाएगा पीएसएलवी(PSLV) C– 58 एक्स-रे पोलर रिमिटर सैटेलाइट एक पोस्ट कमिश्नर और 10 अन्य पोलाइट अपने साथ ले जाएगायह प्रक्षेपण पीएसएलवी(PSLV)रॉकेट का 60वा प्रशिक्षण होगा यह सैटेलाइट अंतरिक्ष में होने वाले रेडिएशन की जानकारी इकट्ठा करेगा और उनकी तस्वीर इसरो तक पहुंच जाएगा यह सैटेलाइट ब्रह्मांड में 50 सबसे ज्यादा चिपकाने वाले स्रोतों की जानकारी करेगा यह सैटेलाइट 650 किलोमीटर की ऊंचाई पर तैनात किया जाएगा
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पेलोड्सपेलोड्स इस सेटेलाइट में दो पायलेट्स है पहले पोलिक्स और दूसरा एक्सपेक्ट
1. एक्सपोसेट्स एक्सपोसेट (XSPECT XPoSat)
X-ray Polarimeter Satellite (XPoSat) यह एक्सपोसेट सबसे अधिक चमकने वाले खगोलियो पर अध्ययन करेगा यह अंतरिक्ष में चुंबकीय फील्ड रेडिएशन इलेक्ट्रोंस आदि की जानकारी इकट्ठा करेगा अगर देखा जाए तो या भारत का पहला समर्पित पोलारिमेट्री मिशन हैंयह अंतरिक्ष के सबसे निचली कक्षा में दो पेलोड जाएगा
2.पोलिक्स
X-ray Polarimeter Satellite (XPoSat) इस सेटेलाइट में पोलिक्स जो मुख्य पेलोड है इसका वजन 126 किलोग्राम है इसे बनाने के लिए रमन रिसर्च इंस्टिट्यूट और यू आर राव सैटलाइट सेंटर ने मिलकर बनाया हैअगर देखा जाए तो खगोलियों में विभिन्न स्रोत जैसे ब्लैक होल, न्यूट्रॉन तारे ,नाभिकीय आदि से उत्सर्जन होने वाले होने वाले गतिविधियों को समझना बहुत मुश्किल होता है यह पोलेक्स अंतरिक्ष में 5 साल तक लगातार अंतरिक्ष में चक्कर लगता रहेगा जिसके द्वारा अंतरिक्ष में मौजूद हो 40 से 50 सबसे ज्यादा चमकने वाली विभिन्न स्रोतों की जानकारी इकट्ठा करता रहेगा।